भाभी और उसकी बहन को चोदा

October 16, 2025

Bhabhi ke sath threesome – मेरा नाम समीर है, उम्र 28 साल, रंग गोरा, कद 5 फीट 10 इंच, और शरीर अच्छा-खासा फिट, जिम का शौक है तो बॉडी भी टोन्ड है। मेरी भाभी, रीता, 32 साल की, गजब की हसीन औरत, गेहुंआ रंग, भरे हुए चूचे, और गांड इतनी मस्त कि देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए। उनकी छोटी बहन, रोनू, 19 साल की, कॉलेज में फर्स्ट ईयर, एकदम कच्ची कली, पतली कमर, टाइट चूचे, और चेहरा इतना मासूम कि लगता ही नहीं कि इसकी चूत में इतनी आग भरी है। बात उस दिन की है जब मैं भाभी के साथ उनके घर में था। भाभी के पति, यानी मेरे भाई, ज्यादातर टूर पर रहते हैं, तो भाभी की चुदाई की प्यास बुझाने का जिम्मा मेरा ही था।

उस दोपहर मैं और भाभी बेडरूम में थे। भाभी ने सिर्फ एक पतली सी नाइटी पहनी थी, नीचे कुछ भी नहीं। मैं उनके पीछे था, उनकी मोटी गांड में उंगली डालकर उनकी चूत को सहला रहा था। भाभी की सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं, “उह्ह… समीर… और गहरा करो… आह्ह…” उनकी चूत गीली हो चुकी थी, और मेरा लंड पैंट में तंबू बनाए खड़ा था। तभी अचानक दरवाजा खुला और रोनू, जो अभी-अभी स्कूल से लौटी थी, कमरे में घुस आई। उसने हमें उस हाल में देख लिया—भाभी की नाइटी ऊपर उठी हुई, मेरी उंगलियां उनकी गांड में, और उनका चेहरा लाल होकर सिसकारियां ले रहा। रोनू की आंखें फटी की फटी रह गईं, वो एकदम पलटी और बेडरूम से बाहर भाग गई।

मैं और भाभी एक-दूसरे को देखकर थोड़ा घबराए, लेकिन भाभी ने हंसते हुए कहा, “अरे, टेंशन मत लो, मैं संभाल लूंगी।” हमने अपने कपड़े ठीक किए और बेडरूम से बाहर आए। रोनू लिविंग रूम में सोफे पर बैठी थी, उसका चेहरा लाल था, और वो हमें देखकर बोली, “ये क्या कर रहे थे तुम दोनों?” उसकी आवाज में गुस्सा कम, उत्सुकता ज्यादा थी। भाभी ने बिंदास अंदाज में जवाब दिया, “क्यों, तुझे क्या लगता है? तेरे जीजू तो मेरी चूत को हाथ भी नहीं लगाते, तो मैंने समीर से करवाया।” रोनू ने तपाक से कहा, “मैं जीजू को बता दूंगी!” लेकिन भाभी ने हंसते हुए पलटवार किया, “बता दे, लेकिन पहले ये बता, तू बाथरूम में रोज अपनी चूत में उंगली क्यों डालती है? रब करके पानी निकालती है ना?”

रोनू का चेहरा शर्म से लाल हो गया। वो हकबकाई सी बोली, “दीदी, ये क्या बोल रही हो?” भाभी ने कॉन्फिडेंट होकर कहा, “अरे, मुझे सब पता है। तू चाहे तो तू भी मजा ले सकती है, मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं।” ये सुनकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैंने सोचा, चलो, आज तो दोनों बहनों की चुदाई का मौका मिलेगा, वो भी एक वर्जिन चूत के साथ। भाभी रोनू के पास सोफे पर बैठ गई। रोनू ने स्कूल यूनिफॉर्म पहना था—छोटा सा स्कर्ट और टाइट शर्ट, जिससे उसके चूचे उभरे हुए दिख रहे थे। भाभी ने उसका स्कर्ट धीरे से ऊपर उठाया, और मैं देखकर दंग रह गया। रोनू की पैंटी पूरी गीली थी, चूत का पानी उसमें चिपचिपा रहा था।

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भाभी ने हंसते हुए कहा, “क्या बात है रोनू, हमें देखकर तेरी चूत गीली हो गई? रब कर रही थी ना?” रोनू शर्म से सिर झुका रही थी, लेकिन उसकी सांसें तेज थीं। भाभी ने कहा, “चल, आज तू भी पूरा मजा ले।” और उसने रोनू की पैंटी में हाथ डालकर उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया। रोनू की सिसकारियां निकलने लगीं, “उह्ह… दीदी… ये क्या…” मैं सोफे के पीछे खड़ा था, और मेरा लंड अब पैंट फाड़ने को तैयार था। मैंने रोनू के टाइट चूचों को पीछे से दबाना शुरू किया। उसके चूचे इतने सख्त थे कि लगता था, पहली बार कोई इन्हें छू रहा है। मैंने धीरे-धीरे उसकी शर्ट के बटन खोले और ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचों को मसलने लगा।

रोनू अब मस्ती में थी, उसकी सिसकारियां तेज हो रही थीं, “आह्ह… समीर… और जोर से…” भाभी उसकी चूत को चाट रही थी, और उसकी जीभ रोनू की चूत के दाने को सहला रही थी। रोनू की चूत बार-बार पानी छोड़ रही थी, और उसका पूरा बदन कांप रहा था। मैंने सोफे पर आकर बैठ गया और रोनू की शर्ट पूरी उतार दी। उसकी ब्रा भी खोल दी, और उसके गोल-मटोल, टाइट चूचे मेरे सामने थे। मैंने एक चूचा मुंह में लिया और चूसने लगा। उसका निप्पल सख्त हो गया था, और मैं उसे जीभ से चाट रहा था। “उह्ह… समीर… और चूसो… आह्ह…” रोनू की आवाज में मस्ती थी। मैंने दूसरे चूचे को जोर-जोर से दबाया, और वो सिसकारियां लेने लगी।

अब मैंने अपनी पैंट उतारी। मेरा लंड, जो 7 इंच लंबा और मोटा था, एकदम तना हुआ था। मैंने रोनू के मुंह के पास लंड लाकर कहा, “चल, इसे चूस।” वो थोड़ा हिचकिचाई, बोली, “नहीं… मैंने कभी नहीं किया…” मैंने हंसते हुए कहा, “अरे, जब तक तू इसे चूसकर तैयार नहीं करेगी, ये तेरी चूत में नहीं जाएगा।” भाभी ने भी हंसकर कहा, “चूस ले रोनू, मजा आएगा।” रोनू ने धीरे-धीरे मेरे लंड को मुंह में लिया। पहले तो वो सिर्फ टॉप चूस रही थी, लेकिन फिर मैंने उसका सिर पकड़कर लंड को गहरा डाला। “उम्म… ग्लक… ग्लक…” उसकी चूसने की आवाज कमरे में गूंज रही थी। मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैंने उसका मुंह जोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया।

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इधर भाभी ने अपनी नाइटी उतार दी थी और वो पूरी नंगी थी। उसने अपनी चूत रोनू के मुंह के पास लाकर कहा, “चल, मेरी चूत चाट। तेरे जीजू तो इसे छूते भी नहीं।” रोनू ने भाभी की चूत चाटना शुरू किया, और भाभी की सिसकारियां भी तेज हो गईं, “आह्ह… रोनू… और गहरा… उह्ह…” मैंने भाभी को देखकर कहा, “भाभी, जब भी तुम्हें अपनी चूत चटवानी हो या बदन की मालिश करवानी हो, मुझे बुला लेना।” भाभी ने हंसकर कहा, “हां, अब तुझसे ही अपनी चूत की प्यास बुझवाऊंगी। तू तो इस काम में उस्ताद है।” फिर वो बोली, “अब रोनू की चूत की प्यास बुझा दे।”

रोनू ने सिसकते हुए कहा, “दीदी, मैं तो रात को तुम और जीजू को चुदाई करते देखकर ही अपनी चूत में उंगली डालती हूं। अब मुझसे ये खुजली बर्दाश्त नहीं होती। समीर, प्लीज कुछ करो…” मैंने उसे सोफे पर लिटा दिया। भाभी ने उसके हिप्स के नीचे एक तकिया रखा, क्योंकि रोनू की चूत वर्जिन थी और टाइट थी। मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुंह पर रखा और धीरे-धीरे अंदर करने की कोशिश की। लेकिन उसकी चूत इतनी टाइट थी कि लंड अंदर नहीं जा रहा था। “उह्ह… समीर… धीरे…” रोनू सिसक रही थी। भाभी ने कहा, “थोड़ा जोर लगाओ, लेकिन आराम से।” मैंने फिर कोशिश की, लेकिन लंड अब भी अंदर नहीं गया।

भाभी उठी और बेडरूम से वैसलीन की डब्बी ले आई। उसने मेरे लंड पर ढेर सारी वैसलीन लगाई और रोनू की चूत पर भी रब कर दी। “अब डालो,” भाभी ने कहा। मैंने फिर कोशिश की, और इस बार मेरा लंड का टॉप उसकी चूत में चला गया। रोनू चीख पड़ी, “आह्ह… दर्द हो रहा है…” भाभी ने जल्दी से उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मुझे इशारा किया। मैंने एक जोरदार धक्का मारा, और मेरा पूरा 7 इंच का लंड उसकी वर्जिन चूत में समा गया। “आआआ… मम्मी…” रोनू की चीख भाभी के होंठों में दब गई। उसकी आंखों से आंसू निकल आए। भाभी ने कहा, “बस, थोड़ा सब्र कर, अब मजा आएगा।”

मैं 5 मिनट तक वैसे ही रुका, मेरा लंड उसकी टाइट चूत में फंसा हुआ था। धीरे-धीरे मैंने हिलना शुरू किया। पहले तो रोनू को दर्द हुआ, लेकिन फिर वो सिसकारियां लेने लगी, “उह्ह… समीर… और जोर से… आह्ह…” मैंने धक्के तेज किए, और उसकी चूत की गर्मी मेरे लंड को और सख्त कर रही थी। “चट… चट… चट…” चुदाई की आवाज कमरे में गूंज रही थी। रोनू की चूत बार-बार पानी छोड़ रही थी, और वो मेरे हर धक्के के साथ हिल रही थी। मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाला। इस बार उसकी गांड मेरे सामने थी, और मैंने उसे थप्पड़ मारते हुए चोदना शुरू किया। “आह्ह… समीर… मारो और जोर से…” रोनू मस्ती में चिल्ला रही थी।

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भाभी पास में बैठकर अपनी चूत में उंगली डाल रही थी और बोली, “समीर, इसकी चूत की खुजली मिटा दो।” रोनू बोली, “हां, मैं तो कई बार लिफ्टमैन को अपने चूचे दिखाकर ललचाने की कोशिश की, लेकिन वो साला डरपोक निकला। मेरा बॉयफ्रेंड भी बेकार था, उसका लंड तो छोटा सा था। समीर, तेरा लंड तो एकदम मस्त है।” मैंने और जोर से धक्के मारे, और करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मेरा पानी छूटने वाला था। भाभी ने कहा, “समीर, बाहर निकालो।” मैंने लंड बाहर खींचा और रोनू के मुंह में सारा माल छोड़ दिया। उसने सारा पानी पी लिया और बोली, “मम्म… कितना टेस्टी है।”

रोनू अब भी सिसक रही थी, लेकिन उसकी आंखों में संतुष्टि थी। वो बोली, “समीर, अब मैं जब भी चुदवाना चाहूंगी, तुझसे ही चुदवाऊंगी।” भाभी ने हंसकर कहा, “हां, और मैं भी तुझसे अपनी चूत चटवाऊंगी।” कमरे में हंसी गूंज रही थी, और मैं सोच रहा था कि ये तो बस शुरुआत है।

क्या आपको लगता है कि रोनू और भाभी अगली बार और क्या-क्या करेंगे? अपनी राय कमेंट में बताएं!

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